बुजुर्गों और दिव्यांग जनों के लिए करुणा का संबल – श्री राघव ज्योति जनकल्याण ट्रस्ट

Senior citizens and divyang support
मानवता, सम्मान और आत्मनिर्भरता की राह

समाज का असली सौंदर्य तभी निखरता है जब उसमें हर वर्ग का सम्मान और देखभाल की जाए। श्री राघव ज्योति जनकल्याण ट्रस्ट ने हमेशा उन लोगों को प्राथमिकता दी है जिन्हें अक्सर अनदेखा कर दिया जाता है—सीनियर सिटिज़न और दिव्यांग जन। यह ट्रस्ट बुजुर्गों को सम्मानजनक जीवन और दिव्यांग व्यक्तियों को आत्मनिर्भरता की राह दिखाने के लिए निरंतर कार्यरत है, ताकि हर व्यक्ति अपने आत्मसम्मान के साथ जी सके।

बुजुर्गों के लिए ट्रस्ट ने सीनियर सिटिज़न हेल्पलाइन की शुरुआत की है, जिसके माध्यम से अकेले रहने वाले वरिष्ठ नागरिकों तक दवाइयाँ, ज़रूरी सामान और नियमित सहयोग पहुँचाया जाता है। गाँव-गाँव में स्वास्थ्य जाँच कैंप आयोजित किए जाते हैं ताकि हर बुजुर्ग को प्राथमिक चिकित्सा और सलाह समय पर मिल सके। सामाजिक और आध्यात्मिक कार्यक्रमों के जरिए उन्हें मानसिक संबल दिया जाता है, जिससे वे अपनापन महसूस करें और अकेलापन दूर हो।

दिव्यांग जनों के लिए ट्रस्ट की पहल और भी प्रेरणादायक है। व्हीलचेयर, बैसाखी, कृत्रिम अंग और सुनने की मशीनें ज़रूरतमंदों तक पहुँचाई जाती हैं, ताकि उनके दैनिक जीवन में सहजता आए। विशेष शिक्षा और कौशल विकास केंद्रों के माध्यम से बच्चों और युवाओं को प्रशिक्षण दिया जाता है, जिससे वे अपनी क्षमता के अनुसार रोज़गार और सम्मानजनक स्थान प्राप्त कर सकें। यह केवल सहायता नहीं, बल्कि आत्मनिर्भरता की दिशा में ठोस कदम है।

इन सेवाओं के पीछे स्थानीय प्रशासन और जनप्रतिनिधियों का सहयोग भी महत्त्वपूर्ण रहा है। समाजसेवा और नीति-समर्थन के इस संगम ने ट्रस्ट के कार्यों को और प्रभावी बनाया है—चाहे वह राहत सामग्री की आपूर्ति हो, कैंपों की स्वीकृति हो या नई सुविधाओं की स्थापना। ट्रस्ट का विश्वास है कि जब समाज के सबसे संवेदनशील वर्ग को सशक्त किया जाएगा, तभी राष्ट्र का विकास सम्पूर्ण माना जाएगा।

श्री राघव ज्योति जनकल्याण ट्रस्ट करुणा, सेवा और समर्पण की एक सशक्त मिसाल है। यहाँ हर पहल का उद्देश्य स्पष्ट है— बुजुर्गों को सम्मान और सुरक्षा, दिव्यांग जनों को अवसर और आत्मविश्वास। यही वह मानवीय भाव है जो समाज को भीतर से मजबूत बनाता है और हर चेहरे पर विश्वास की रोशनी जगाता है।