सनातन धर्म का प्रचार और संरक्षण – श्री राघव ज्योति जनकल्याण ट्रस्ट की पहल

धर्म, संस्कृति और समाज के लिए समर्पित प्रयास
सनातन धर्म भारतीय सभ्यता और संस्कृति की रीढ़ है। श्री राघव ज्योति जनकल्याण ट्रस्ट इसे केवल एक धार्मिक आस्था के रूप में नहीं, बल्कि समाज में नैतिकता, संस्कार और सद्भावना फैलाने के एक मार्ग के रूप में देखता है।
ट्रस्ट पूरे उत्तर प्रदेश में धार्मिक स्थलों, मंदिरों और प्रांगणों के विकास और संरक्षण पर ध्यान दे रहा है। नष्टप्राय या अवहेलित मंदिरों का जीर्णोद्धार कर उनके परिसर में अध्यात्मिक और सामाजिक कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं, ताकि लोग धर्म और संस्कृति के महत्व को समझें।
इसके अलावा, ट्रस्ट धार्मिक और सांस्कृतिक यात्राओं का आयोजन करके लोगों में आध्यात्मिक जागरूकता बढ़ाता है। ये यात्राएँ समाज में सद्भाव और एकता की भावना को भी प्रबल करती हैं।
ट्रस्ट संग्रहालयों के माध्यम से प्राचीन भारतीय संस्कृति और सनातन धर्म से जुड़ी कलाकृतियों और पुरावशेषों का संरक्षण करता है। इससे नई पीढ़ी को अपने धर्म और सांस्कृतिक विरासत से जोड़ा जा सकता है।
योग, प्राणायाम, क्रियायोग, आयुर्वेद और भावातीत ध्यान जैसी प्राचीन शिक्षाओं के माध्यम से ट्रस्ट लोगों को मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य के महत्व से अवगत कराता है। ये प्रयास धर्म और जीवन के संतुलन को बढ़ावा देते हैं।
श्री राघव ज्योति जनकल्याण ट्रस्ट का उद्देश्य है कि सनातन धर्म केवल पूजा पाठ तक सीमित न रहे, बल्कि समाज में नैतिकता, सांस्कृतिक जागरूकता और सामाजिक सेवा की भावना पैदा करे। यह पहल समाज के हर वर्ग को धर्म और संस्कृति के मूल्यों से जोड़ती है।